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विज्ञान के चमत्कार पर निबंध | Essay on the Wonders of science.

 विज्ञान के चमत्कार पर निबंध | Essay on the Wonders of science.

प्रस्तावना :- आधुनिक युग में विज्ञान के नवीन अविष्कारों ने विश्व में क्रांति-सी ला दी है| विज्ञान के बिना मनुष्य की स्वतंत्र अस्तित्व की कल्पना भी असंभव प्रतीत होती है| विज्ञान की सहायता से मनुष्य प्रकृति पर निरंतर विजय प्राप्त करता जा रहा है| 

आज से कुछ वर्ष पूर्व विज्ञान कि अविष्कारों की चर्चा से ही लोग आश्चर्यचकित हो जाया करते थे| परंतु आज वही अविष्कार मनुष्य के दैनिक जीवन के अंग बन गए हैं| एक समय था| जब मनुष्य इस दृष्टि की प्रत्येक वस्तु को कौतूहर से भरी हुई|

 तथा आश्चर्यजनक समझता था, और उनसे भयभीत होकर ईश्वर की प्रार्थना करता था| परंतु आज विज्ञान ने प्रकृति को वश में कर उसे मानो की दासी बना दिया है|

 विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान के चमत्कार :-आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कारपूर्ण अविष्कारों का प्रभुत्व देखा जा सकता है| इनमें से कुछ प्रमुख क्षेत्रों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-

(i) चिकित्सा के क्षेत्र में :- अनेक असाध्य बीमारियों का इलाज विज्ञान द्वारा ही संभव हुआ है| आधुनिक चिकित्सा पद्धति इतनी पध्दति इतनी विकसित हो गई हैै| कि आंधी के लिए आंखें और अपंग को अंग मिलना अब और संभव नहीं रह गया है| 

दवाओं, शल्य चिकित्सा,  कृत्रिम श्वास इत्यादि केेेेे द्वारा मनुष्यय को नया जीवन दिया जाता है| कैंसर, टी. वी., तथा हृदय रोग जैसी भयंकर जानलेवा  रोगों पर विजय पाना विज्ञान केेेेेेेेेे माध्यम से ही संभव हुआ है| वस्तुतः विज्ञान ने चिकित्सा की नवीन पद्धतियोंं के सहारे मनुष्य को दीर्घजीवी बनाया है|

(ii) उद्योग के क्षेत्र में :- औद्योगिक क्षेत्र में विज्ञान ने क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं| भाति-भाति कि मशीनों ने उत्पादन को बढ़ाया है| कपड़े, खाद पदार्थ, तथा दैनिक उपभोग की वस्तुओं कोो बनाने के लिए विज्ञान नेे सरल संसाधनों का अविष्कार किए  है| विज्ञान ने उद्योगोंं को प्रगति की ओर अग्रसर किया है|


(iii) मनोरंजन के क्षेत्र में  :- मनोरंजन के आधुनिक साधन विज्ञान की देन है| सिनेमा, रेडियो तथा टेलीविजन का आविष्कार नियमों को उच्च कोटि के सरल और सुलभ मनोरंजन के साधन प्रदान किए हैं|


(iv) परमाणु शक्ति के क्षेत्र में :- वर्तमान युग को 'परमाणु युग' कहा जाता है| आज अणुशक्ति कृत्रिम बादलों के माध्यम से वर्षा की जा सकती है| मानव कल्याण से संबंधित अनेक शांतिपूर्ण कार्यों के लिए भी और उस शक्ति का विकास किया जा रहा है|


(v) यातायात एवं परिवहन के क्षेत्र में :- पहली बेटी थोड़ी सी दूरी तय करने में पर्याप्त समय लगा देता था| लंबी यात्रा है उसे स्वप्न सी लगती थी| किंतु अब रेलो, मोटरो तथा वायुयान के अविष्कार ने लंबी यात्राएं भी अत्यंत सुगम एवं सुलभ करती हैं अब विभिन्न वस्तुएं एक स्थान से दूसरे स्थान पर अल्प समय में भेजी जा सकती है |


(vi) शिक्षा के क्षेत्र में :- शिक्षा के प्रसार व प्रचार में विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है| विज्ञान के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किए गए हैं टेलीविजन, रेडियो तथा सिनेमा ने शिक्षा को सरल बनाया है| छापेखाने तथा अखबारों ने ज्ञान वृद्धि में सहयोग दिया है| 

छापी खानों के आविष्कारों ने पुस्तकों के प्रकाशन द्वारा ज्ञान के नए आयाम प्रस्तुत किए हैं| कंप्यूटर के प्रयोग ने तो छपाई व शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाती है|

(vii) दैनिक जीवन :- हमारे दैनिक जीवन का प्रत्येक कार्य विज्ञान पर ही आधारित है| विद्युत का आविष्कार हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन गया है| बिजली के पंखे, प्रेस, गैस, स्टोव, सिलाई मशीन आदि अनेक वस्तुओं के निर्माण में मानव को सुविधा पूर्ण जीवन दिया है तथा समय शक्ति एवं धन की पर्याप्त बचत कराई है|


(viii) कृषि के क्षेत्र :- आज हम अन्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते जा रहे हैं| इसका श्रेय आधुनिक विज्ञान कोई है| विभिन्न प्रकार के उर्वरक, कृतिम जल व्यवस्था, बुवाई और कटाई आदि केे आधुनिक साधनों एवं कीटनाशक दवाओं ने खेती को को सुविधा पूर्ण और सरल बना दिया है| 

इसके कारण ही हम सरलता से पर्याप्त् अन्न पैदा कर सकते हैं| अन्न को सुरक्षित रखने तथा विवरण की समुचित व्यवस्था के लिए नवीन उपकरणों के अविष्कार भी किए हैं|


(ix) संचार के क्षेत्र में :- प्राचीन काल में संदेशों का आदान-प्रदान में बहुत समय लग जाया करता था| परंतु अब समय की दूरी घट गई है| अब टेलीफोन, मोबाइल फोन, email, पेपर तथा फैक्स के द्वारा क्षणभर में संदेश और विचारों का आदान प्रदान किया जा सकता है| 

अब एक समाचार को टेलीप्रिंटर, रेडियो अथवा टेलीविजन द्वारा कुछ ही क्षणों में विश्व भर में प्रेषित किया जा सकता है|

 विज्ञान : अभिशाप के रूप में :- विज्ञान का एक और पक्ष भी है| विज्ञानिक असीम शक्ति प्रदान करने वाला तटस्थ साधन है|मानव चाहे जैसे इसका इस्तेमाल कर सकता है| सभी जानते हैं, की मनुष्य में दैवी प्रवृत्ति भी है| 

तो वह मानव-कल्याण के कार्य करता है, परंतु किसी भी समय मनुष्य की आसुरी प्रवृत्ति प्रबल होते ही कल्याणकारी विज्ञान का एका एक प्रबलता विध्वंसक एवं संहारक शक्ति का रूप ग्रहण कर सकता है| कि आज विज्ञान की विध्वंसकशक्ति पहले की अपेक्षा बहुत बढ़ गई हैै|

 विध्वंसक साधनों के अतिरिक्त अन्य अनेक प्रकार से विज्ञान ने मानव को अहित किया है| विज्ञान ने भौतिकवादी प्रवृत्ति की प्रेरणा दी है| जिसके परिणाम स्वरुप धर्म एवं आत्मीयता से संबंधित विश्वास थोथे प्रतीत होने लगे हैं|

 मानव जीवन के पारस्परिक संबंधी कमजोर होने लगे हैं| आज विज्ञान के कारण ही मानव जीवन अत्याधिक खतरों सेे परिपूर्ण तथा और असुरक्षित हो गया है| कंप्यूटर तथा दूसरी मशीनों ने यदि मानव को सुविधा के साधन उपलब्ध कराए हैं, तो साथ-साथ रोजगार के अवसर भी छीन लिए है| विद्युत विज्ञान द्वारा प्रदत एक महान देन है| 

परंतुुुुुुुुुु विद्युत एक मामूली झटका ही इहलीला समाप्त कर सकता है| विज्ञान के दिन प्रतिदिन होते जा रहे नवीन अविष्कारों के कारण मानव पर्यावरण असंतुलन के दुष्चक्र में भी फंस चुका है| सुख-सुविधाओं की अधिकता के कारण मनुष्य आलसी और आरामतलब बनत जा रहा है, 

जिससे उसकी शारीरिक शक्ति का हास हो रहा है| अनेक नए-नए रोग उत्पन्न हो रहे हैंं| तथा उसमेें सर्दी तथा गर्मी सहने की क्षमता घट गई है| चारों ओर कृतिम आडंबरयुक्त जीवन इस विज्ञान की ही देन है|

उपसंहार :- विज्ञान सचमुच तलवार है, जिससे व्यक्ति आत्मरक्षा भी कर सकता है और अनाड़ीपन में अपने अंग को भी काट सकते हैं| इसमें दोष तलवार का नहीं, उसके प्रयोक्ता का है| विज्ञान ने मानव के सामने असीमित विकास का मार्ग खोल दिया है| 

जिसे मनुष्य संसार से बेरोजगारी, भुखमरी, महामारी, आदि को समूल नष्ट कर विश्व को अभूतपूर्व सुख समृद्धि की ओर ले जा सकता है| किंतु यह तभी संभव है| जब मनुष्य में आध्यात्मिक दृष्टि का विकास हो| 

मानव-कल्याण की सात्विक भावना जागे| आता स्वयं मानव को ही या निर्णय करना है कि वह विज्ञान को वरदान रहने दे| या अभिशाप बना दे|

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