इंटरनेट ( Internet):-
इंटरनेट |
इंटरनेट का पूरा नाम इंटरनेशनल नेटवर्क है जिसे वर्ष 1950 में WINT KARF ने शुरू किया जीने इंटरनेट का पिता कहा जाता है| इंटरनेट नेटवर्क ओं का नेटवर्क है, जिसमें लाखों निजी व सार्वजनिक, लोकल से ग्लोबल स्कोप वाले नेटवर्क होते हैं| इंटरनेट, कम्युनिकेशन का एक महत्वपूर्ण व दक्ष माध्यम है, जिसने काफी लोकप्रियता अर्जित की है| इंटरनेट के माध्यम से लाखों व्यक्ति सूचनाओं, विचारों, ध्वनि, वीडियो क्लिप्स इत्यादि को कंप्यूटरों के जरिए पूरी दुनिया में एक दूसरे के साथ शेयर कर सकते हैं| यह विभिन्न आकारों व प्रकारों के नेटवर्क से मिलकर बना होता है| इंटरनेट पर उपलब्ध डाटा, प्रोटोकॉल द्वारा नियंत्रित किया गया है| TCP|IP द्वारा एक फाइल को कई छोटे भागों में फाइल सर्वर द्वारा बांटा जाता है, जीने पैकेट्स कहा जाता है| इंटरनेट पर सभी कंप्यूटर आपस में इसी प्रोटोकॉल का प्रयोग करके वार्तालाप करते है|
आज अधिकांश लोग इंटरनेट के नाम से परिचित हैं| क्या आप जानते हैं कि इंटरनेट का प्रयोग सर्वप्रथम प्रारंभ सन 1969 में इंटरनेट का प्रयोग अमेरिका के सुरक्षा विभाग (DOS) द्वारा किया गया, जैसे प्रारंभ में अपरानेट (ARPNET) एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एडमिनिस्ट्रेशन नेटवर्क कहा गया| बाद में सुधार होने पर इसका नाम इंटरनेट पड़ा| इंटरनेट आंतरिक रूप से जुड़े हुए कई कंप्यूटरों ( जो कि अलग-अलग नेटवर्क से जुड़ कर पूरे ग्लोबल से जुड़ गए हो के नेटवर्क को कहते हैं| यह अनेक नेटवर्क का नेटवर्क है| इसे इंटरनेट भी कहते हैं|
इंटरनेट का विकास :-
इंटरनेट का वर्तमान विकसित रूप से वर्ष 1960 से अब तक लगातार नेटवर्किंग के विकास का परिणाम है| 50 एवं 60 के दशक में कंप्यूटरों को आपस में जोड़ने के उद्देश्य से अमेरिका के रक्षा विभाग में DARPA ( defense Advanced research project agency) प्रोजेक्ट की स्थापना की जिसका मुख्य लक्ष्य तकनीकी श्रेष्ठा को हासिल करना था DARPA को प्रारंभ में ARPA के संक्षिप्त नाम से जाना गया| अक्टूबर, 1962 में DARPA औपचारिक रूप से कंप्यूटर नेटवर्किंग की रिसर्च में जुड़ गई|
इस नेटवर्क प्रोजेक्ट के अंतर्गत ARPANET का पहला लिंक 21 नवंबर, 1969 को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय एवं स्टैंडर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के मध्य स्थापित हुआ|
5 दिसंबर, 1969 तक इस नेटवर्क के 4 नोड स्थापित किए गए| वर्ष 1972 में इस प्रोजेक्ट का आधिकारिक नाम ALOTTANET से बदलकर ARPANET ही कर दिया गया|ARPANET का संपूर्ण विकास RFC ( request for comment process) के ऊपर केंद्रित था, जिसका प्रयोग आज भी इंटरनेट प्रोटोकॉल में हो रहा है| इस में प्रयोग होने वाला होस्ट सॉफ्टवेयर RFC1 है जिसे कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के स्टीव फकर के द्वारा अप्रैल, 1969 में लिखा गया|
ARPANET का अमेरिका से बाहर पहला नेटवर्क संयोजन NORSAR था जो अमेरिका एवं नार्वे के बीच वर्ष 1973 में स्थापित अपने सभी मुख्य कंप्यूटरों और वर्क स्टेशनों में इंस्टॉल कर लिया था| एशिया में इंटरनेट का चलन वर्ष 1980 के बाद शुरू हुआ|
इंटरनेट का प्रयोग:- इंटरनेट के द्वारा संपूर्ण विश्व के किसी भी कंप्यूटर से जो नेटवर्क से जुड़े हो संपर्क कर सकते हैं| इसके द्वारा हम सूचनाएं एवं संदेश भेज सकते हैं तथा प्राप्त कर सकते हैं| यह सूचनाएं टैक्स, चित्र या ध्वनि के रूप में हो सकती है| internet का प्रयोग हम निम्नलिखित कार्य हेतु भी कर सकते हैं
(1). हमें अपने कार्य को व्यवस्थित करने के लिए|
(2). संदेश भेजने को प्राप्त करने के लिए|
(3). फाइलों के स्टोर करने के लिए|
(4). समाचार, संगीत सुनने के लिए|
(5). रिजल्ट, रिजर्वेशन, रेल तथा वायु यान के टिकट प्राप्त करने व जानकारी करने के लिए|
(6). विभिन्न शैक्षणिक जानकारी के लिए|
(7). प्रचार-प्रसार के लिए|
(8). व्यवसायिक रूप से भी इंटरनेट का प्रयोग करते हैं|
Internet से जुड़ना:- Internet से जुड़ने के लिए हमें कुछ डिवाइसेज की आवश्यकता पड़ती है जो निम्नांकित हैं-
कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट, मोबाइल|
इंटरनेट कनेक्शन ( Internet connection):-
Internet चलाने के लिए इंटरनेट कनेक्शन आवश्यक है| इंटरनेट कनेक्शन के लिए टेलीफोन लाइन, ब्रॉडबैंड, वाईफाई, डाटा कार्ड, माडेम(Modem), या GPRS आदि का प्रयोग किया जाता है| Internet की सुविधा विभिन्न सर्विस प्रोवाइडर उपलब्ध कराते हैं|(Modem) मैं किसी सर्विस प्रोवाइडर का कनेक्शन होना चाहिए| मॉडेम को लगाने के बाद नेटवर्क के सिग्नल आ जाने के बाद इंटरनेट पर क्लिक कीजिए
इसमें फोन नंबर लिखकर डायल पर क्लिक कीजिए| यदि कनेक्ट लिखकर आ जाता है तो हम इंटरनेट से जुड़ चुके हैं| यदि नहीं तो पुनः प्रयास तब तक कीजिए जब तक इंटरनेट कनेक्ट ना हो जाए|
सर्वर :- इंटरनेट से संबंधित अनेक कंप्यूटर एक दूसरे से जुड़े रहते हैं जो कंप्यूटर सब को जोड़ने का कार्य करता है उस मुख्य कंप्यूटर को केंद्र कंप्यूटर या सरवर कहते हैं
इंटरनेट ब्राउजर (Internet browser):-
इंटरनेट चलाने हेतु किसी इंटरनेट ब्राउज़र की आवश्यकता पड़ती है पराया सभी कंप्यूटरों में Internet Explorer होता है| फिर भी आजकल कई ब्राउज़र्स का उपयोग इंटरनेट चलाने हेतु किया जाता है| जैसे- Mozilla Firfox, opera, Google, chrome आदि| इंटरनेट से जुड़ने के लिए निम्नांकित चरणों का पालन कीजिए-
(1). Start मेनू पर क्लिक कीजिए|
(2). इंटरनेट एक्सप्लोरर पर क्लिक कीजिए जिससे Explore की स्क्रीन खुलकर आ जाती है
वेबसाइट खोजना:- वेबसाइट खोजने की अनेक कंपनियां है| जिसमें गूगल (Google), आस्क डॉट कॉम (Ask.com), याहू (Yahoo) आदि प्रमुख हैं| इनको सर्च इंजन कहते हैं|
Explorer के Adderess बार में हम किसी सर्च इंजन को टाइप करके सर्च पर क्लिक करते हैं| जिससे उसकी स्क्रीन खुल जाती है|
जैसे-Google.co.in
इसमें हम इच्छा अनुसार किसी भी वेबसाइट की आईडी टाइप करके खोल सकते हैं तथा उससे संबंधित कार्य कर सकते हैं वह देख सकते हैं| एक्सप्लोरर के एड्रेस बार में हम किसी वेबसाइट को सीधे लिखकर उसे खोल सकते हैं| परंतु सर्च इंजन से सुगमता रहती है| क्योंकि क्लिक करने पर उससे मिलते-जुलते नामों की सूची स्क्रीन पर दिखाई पड़ती है| उस सूची में हम अपनी आवश्यकतानुसार वेबसाइट सेलेक्ट कर सकते हैं|
इलेक्ट्रॉनिक मेल (Electronic mail):- प्राचीन काल में एक स्थान से दूसरे स्थान पर संपर्क करने संदेश भेजने के लिए समिति साधन थे| लोग कबूतर द्वारा संदेश भेजो आते थे या फिर व्यक्तिगत जाकर या किसी को भेजकर संदेश भेजते थे| धीरे-धीरे डाक व तार के द्वारा संदेश भेजने का कार्य प्रारंभ हुआ| परंतु इन सभी साधनों के द्वारा बहुत समय लगता था| आधुनिक युग में इलेक्ट्रॉनिक मेल के द्वारा कुछ ही सेकंड में संदेश भेजे जा सकते हैं| इससे समय, श्रम, धन सभी की बचत होती है| ई-मेल ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम विश्व के किसी भी कंप्यूटर को सूचना है संदेश भेज सकते हैं तथा प्राप्त कर सकते हैं| इससे संदेश इलेक्ट्रॉनिक फाइलों के द्वारा किसी के ईमेल पते पर हम ईमेल भेजते हैं| जिससे वह संदेश उसके ईमेल पर प्राप्त होता है|
ईमेल भेजने के लिए हमारे पास भी एक ईमेल आईडी होनी चाहिए| आज कई कंपनियों के द्वारा ईमेल बनाई जाती है जिसमें जीमेल, याहू, हॉटमेल, रेडिफमेल, तथा इंडियाटाइम्स आदि प्रमुख हैं|
ई-मेल के लाभ (Advantage of Email)
ईमेल सेवा से कई लाभ है, जो निम्नलिखित हैं
. ईमेल के माध्यम से संदेशों के साथ-साथ उनके दिनांक व समय को भी सुरक्षित करके रख सकते हैं|
. ईमेल एड्रेस इंटरनेट पर व्यक्ति की पहचान वह वेबसाइट पर पंजीकरण करने में अत्यंत लाभप्रद है|
. ई-मेल द्वारा संदेशों को व्यवहारिक पत्राचार की तुलना में काफी तेज गति से संप्रेषित किया जाता है|
. ई-मेल द्वारा पत्रों संदेशों के खोने की आशंका होती है|
. ई-मेल को केवल वही यूजर पढ, डाउनलोड व जवाब दे सकता है जिसे वह भेजा गया है|
. परम पुरी डाक सेवा के बदले ईमेल का प्रयोग करने से कागज की भी बचत होती है ई-मेल को कागजी दस्तावेजों की तुलना में संभावना बेहद आसान होता है|
. ई-मेल का प्रयोग वर्तमान में विज्ञापनों, बिजनेस प्रमोशन इत्यादि में भी किया जाता है|
ई-मेल की हानियां (Disavantage of E-mail)
ई-मेल के लाभ होने के साथ-साथ उसकी कुछ हानियां भी है जो कि निम्नलिखित है.
. ईमेल के पासवर्ड के लीक होने पर कोई भी अज्ञात व्यक्ति उसका प्रयोग कर सकता है|
. प्राप्त किए गए ईमेल में वायरस हो सकते हैं, जो हानिकारक छोटे प्रोग्राम होते हैं, वायरस प्रोग्राम ईमेल से संबंधित सभी जानकारियों को चुराकर, अनुचित ईमेल को अन्य ईमेल ऐड्रेशो पर भेजा जा सकता है|
. कई यूजर्स अन्य ईमेल गुर्जरों को अवांछित ईमेल भेजते हैं जीने स्पर्म कहा जाता हैॡ
. यूजर को Mailbox को समय-समय पर मैनेज करना पड़ता है अन्यथा मेल बॉक्स फूल हो जाएगा वह आगामी ईमेल को प्राप्त नहीं किया जा सकेगा|
. ईमेल का प्रयोग सरकारी नेपाल में नहीं किया जा सकता, क्योंकि यदि ईमेल क्रीडेयल किसी अवैध यूज़र को पता चल जाए तो वह उनका गलत प्रयोग कर सकता है|
ई-मेल के एड्रेसिंग E-mail Addressing
ईमेल भेजने और प्राप्त करने के लिए यूजर के पास ईमेल एड्रेस का होना अत्यंत आवश्यक है| ईमेल एड्रेस कैसे ईमेल सर्वर पर ऐसा स्थान होता है, ईमेल स्टोर की जाती है| इस स्थान को मेल बॉक्स भी कहा जाता है| जब यूजर किसी इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी से इंटरनेट कनेक्शन खरीदता है, तोबा सामान्यतया यूजर के लिए एक मेल बॉक्स भी बना देता है और उस मेल बॉक्स का एड्रेस यूजर को दे देता है जिसे ईमेल एड्रेस कहा जाता है| ईमेल एड्रेस सामान्यतया निम्न प्रकार का होता है___username@hostname
यहां username मेल बॉक्स का नाम है| यह सामान्यतया यूज़र के यूजरनेम के समान होता है, जिसके द्वारा यूजर अपने कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ते हैं hostname मेल सर्वर का नाम होता है| यूजर वेब पोर्टल के होम पेज पर जाकर और अपने यूजर नेम व पासवर्ड द्वारा साइन इन करके अपने मेल बॉक्स को कभी भी खोल सकता है|
ईमेल क्लाइंट को आउटलुक पर कंफीग्रर करना TO Confingur E-mail Client Outlook
ईमेल अकाउंट को आउटलुक पर कॉन्फ़िगर करने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है
. Outlook 2007 को खोलें|
. Tools पर क्लिक करें|
. Account Settings ऑप्शन पर क्लिक करें|
. New पर क्लिक करें|
. अपने अकाउंट का विवरण जैसे__ नाम, ईमेल एड्रेस तथा पासवर्ड आदि प्रविष्ट करें|
. Next बटन पर क्लिक करें तथा अकाउंट की पुष्टि होने का इंतजार करें|
. अकाउंट के सफलतापूर्वक बनने के बाद, Finish बटन पर क्लिक करें|
ई-मेल का अनुप्रयोग Applications Of E-mail
(1) ईमेल अकाउंट खोलना ( Opening E-mail Account):- ईमेल अकाउंट खोलने के लिए बहुत सी फ्री वेबसाइट वेब पोर्टल उपलब्ध है|
जिसमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं...
. www. hotmail.com
. www. yahoo.com
. www. gmail.com
. www.msn.com
. www. radiffmail.com
इनमें से किसी भी वेबसाइट के द्वारा यूजर अपना रजिस्ट्रेशन एक नया यूजर की तरह करवाकर अपना ईमेल अकाउंट बना सकता है|
यूजर निम्न चरणों से अपना वेब आधारित ईमेल अकाउंट बना सकता है|
(a). किसी वेब ब्राउज़र को एड्रेस बार पर www. gmail.com को टाइप करके Enter कुंजी को दबाइए, जिससे इस वेबसाइट का होम पेज स्क्रीन पर खुल जाएगा|
(b). अकाउंट बनाने के लिए create an account हाइपर लिंक पर क्लिक करें| इसे क्लिक करने से निम्न रजिस्ट्रेशन फॉर्म प्रस्तुत होगा__
(c). फार्म पूरा भर कर Next Step बटन को दबाएं| फॉर्म भरते समय सभी दिशा निर्देशों का पालन करें, ताकि यह सुनिश्चित हो जाएगी यूजरनेम अदिति ( unique) है| तो यूजर को पुनः रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा
(d). Create your public Google+ profile पेज खुलेगा इसमें यदि आपका प्रोफाइल बनाना चाहते हैं तो, create your profile बटन पर क्लिक करें अन्यथा नो थैंक्स बटन पर क्लिक करें|
(e). यदि अपने create your profile बटन पर क्लिक किया है तो welcome पेज प्रदर्शित होगा, जिसमें continue to Gmail बटन पर क्लिक करें|
(f). ईमेल अकाउंट बनाने के बाद उसकी confirmation information यूजर को दे दी जाएगी वह निम्न वेबपेज ब्राउज़र पर प्रस्तुत होगा|
(2) ई-मेल को देखना (Viewing an E-gmail)
ईमेल अकाउंट बना लेने के बाद यूजर sing in कर सकता है अर्थात ईमेल अकाउंट को खोल सकता है और अपनी ईमेल को देख सकता है| इसके लिए यूजर को उस वेबसाइट के home page पर जाना होगा, जिस पर उसका ईमेल अकाउंट है वहां sing in करने के लिए एक डायल बॉक्स वेब पेज पर प्रदर्शित होगा|
इसमें email टेक्स्ट बॉक्स में अपनी इमेल ID तथा password टेक्स्ट बॉक्स में उस ईमेल ID का पासवर्ड प्रविष्ट करके sing in बटन पर क्लिक करें| यदि ईमेल आईडी तथा पासवर्ड एकदम सही है तो यूजर का ईमेल बॉक्स खुल जाएगा| इसके पश्चात निम्न बिंदु प्रदर्शित होगी__
इसके सामान्यतया पहले इनबॉक्स फोल्डर की सामग्री तथा प्राप्त हुए ईमेल संदेशों की सूची दिखाई देगी, जिसमें दिनांक, भेजने वाले का नाम, विषय आज सूचनाएं होती हैं| किसी संदेश को पढ़ने के लिए कर सको ओ संदेश पर लाकर क्लिक करें, जहां माउस प्वाइंटर हाथ के चिन्हा में बदल जाता है|
(3) नई ईमेल बनाना और भेजना ( creating new email and send it) Log-in करने के पश्चात यदि यूजर अपने मित्रों और संबंधियों को ईमेल करना चाहता है तो COMPOSE बटन पर क्लिक करें जिससे new message विंडो प्रस्तुत होगी|
इसमें To: टेक्स्ट बॉक्स में रेसिपीएंट को तुरंत भेज दिया जाता है| इसके अतिरिक्त यदि यूजर किसी फाइल (.doc, .pdf, .jpg इत्यादि) को भेजना चाहता है तो attach file पर क्लिक करके फाइल अटैच कर सकता है| ई-मेल में टेक्स्ट फॉर्मेटिंग,Cc, Bcc . के विकल्प भी उपलब्ध होते हैं
कुछ महत्वपूर्ण विकल्पों का विवरण इस प्रकार है
(a). Cc (Carbon Copy ) इस फीचर के द्वारा इमेल की कॉपी अर्थात कार्बन कॉपी को रेसिपीएंट को भेजा जाता है तथा टू रेसिपी एंड कोय सूचना दे दी जाती है कि इस ईमेल की कॉपी अन्य किन किन व्यक्तियों को भेज दी गई है|
(b). Bcc (Blind Carbon Copy) इस फीचर मे टू तथा Cc रेसिपीएंट को यह पता नहीं होता है कि Bcc किन-किन user को भेज दी गई है| ई-मेल में cc तथा bcc दोनों विकल्पों का प्रयोग वैकल्पिक होता है
(c). टेक्स्ट फॉर्मेटिंग ( text formatting ) इस फीचर के द्वारा हम टेक्स्ट को बोल्ड, इटैलिक, अंडरलाइन कर सकते हैं| इसके द्वारा टेक्स्ट का font साइज, कलर तथा एलाइनमेंट आदमी बदल सकते हैं|
(4). ई-मेल मैसेज का जवाब देना (Replying Email Messages)
किसी ईमेल का जवाब देने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है
. जिस ईमेल का जवाब देना है, उसे ओपन करें|
. केवल ईमेल भेजने वाले को जवाब देने के लिए Reply विकल पर क्लिक करें|
. To और Cc बाक्सों के लिए सभी रेसिपीएंट को जवाब देने के लिए Reply to all , विकल्प पर क्लिक करें|
(5) ई-मेल मैसेज को फॉरवर्ड करना ( Forwarding Email Message)
किसी ई-मेल को फॉरवर्ड करने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है
. यूजर्स ई-मेल को फॉरवर्ड करना चाहता है, उसे ओपन करें|
. Forward' विकल्प पर क्लिक करें|
. To, Cc और Bcc बक्सों में रेसिपीएंट नाम एंटर करें|
(6) ई-मेल को सॉर्ट तथा सर्च करना ( Sorting and Searching of Email )
ई-मेल को शार्ट करने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है
. Setting बटन पर क्लिक करें|
. Inbox टैब पर क्लिक करें|
. Inbox type लिस्ट बॉक्स में अपनी इच्छा अनुसार विकल्प जैसे--Default, Important first, Unread first, Shared first तथा Priority first का चयन करें| Shave changes बटन पर क्लिक करें|
इसके पश्चात आपकी इच्छा अनुसार Inbox ई-मेल सार्ट हो जाएगी|
ई-मेल को सर्च करना
ई-मेल को सर्च करने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है
. सबसे ऊपर स्थित टैक्सट बॉक्स में उस ईमेल की जानकारी; जैसे- भेजने वाले का नाम, बिसाती प्रविष्ट करें जिसे आप सर्च करना चाहते हैं|
इंटरनेट के लाभ (Advantage Of Imternet):- इंटरनेट के लाभ निम्नवत है|
. यह दूसरे व्यक्तियों से आसानी से संपर्क बनाने की अनुमति देता है|
. इसके माध्यम से दुनिया में कहीं भी, किसी से भी संपर्क बनाया जा सकता है|
. इंटरनेट पर डॉक्यूमेंट को प्रकाशित करने पर पेपर इतिहास की बचत होती है|
. यह कंपनियों के लिए कीमती संसाधन है जिस पर वे व्यापार का विज्ञापन तथा लेन देन भी कर सकते हैं|
. एक ही जानकारी को कई बार एक्सेस करने के बाद उन्हें पुनः सर्च करने में कम समय लगता है|
इटरनेट की हानियां (Disadvantages of Internet):- इंटरनेट की हानियां निम्न वत है|
. कंप्यूटर में वायरस के लिए यह सर्वाधिक उत्तरदाई है|
. इंटरनेट पर भेजे गए संदेशों को आसानी से चुराया जा सकता है| बहुत सी जानकारी जाची नहीं जाती|
जो गलत या असंगत भी हो सकती है|
. अनैच्छिक तथा अनुचित डॉक्यूमेंट तत्व कभी-कभी गलत लोगों द्वारा प्रयोग कर लिए जाते हैं|
. साइबर धोखेबाज क्रेडिट डेबिट कार्ड की समस्त जानकारी को चुराकर उसे गलत तरीके से प्रयोग कर सकते हैं|
इंटरनेट सेवाएं (Internet services):- इंटरनेट से उपयोगकर्ता कई प्रकार की सेवाओं का लाभ उठा सकता है, जैसे- इलेक्ट्रॉनिक मेल, मल्टीमीडिया डिस्प्ले, शॉपिंग, रियल टाइम ब्रॉडकास्टिंग इत्यादि| इनमें से कुछ महत्वपूर्ण सेवाएं इस प्रकार है-
चैटिंग:- वृहद स्तर पर भी उपयोग होने वाली टेक्स्ट आधारित संचारण है, जिससे इंटरनेट पर आपस में बातचीत कर सकते हैं इसके माध्यम से उपयोग करता चित्र, वीडियो, ऑडियो इत्यादि भी एक दूसरे के साथ शेयर कर सकते हैं|
जैसे--Skype, Yahoo, massenger इत्यादि|
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग:- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह किसी अन्य व्यक्ति या समूह के साथ दूर होते हुए भी आमने सामने रख वार्तालाप कर सकते हैं| इस कम्युनिकेशन में उच्च गति इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है वह इसके साथ एक कैमरे, एक माइक्रोफोन, एक वीडियो स्क्रीन तथा एक साउंड सिस्टम की भी जरूरत होती है|
ईमेल लर्निंग:- इसके अंतर्गत कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षण, इंटरनेट पर आधारित प्रशिक्षण, ऑनलाइन शिक्षा इतिहास सम्मिलित है, जिसमें उपयोगकर्ता को किसी विषय पर आधारित जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रदान किया जाता है| इस जानकारी को वो किसी भी आउटपुट माध्यम पर देखकर स्वयं को प्रशिक्षित करता है| यह कंप्यूटर है इंटरनेट से ज्ञान को प्राप्त करने का एक माध्यम है|
ईमेल बैंकिंग:- इसके माध्यम से उपयोगकर्ताओं विश्व भर में कहीं से भी अपने बैंक अकाउंट को मैनेज कर सकता है| यह एक स्वचालित प्रणाली का अच्छा उदाहरण है, जिसमें उपयोगकर्ता की गतिविधियों के साथ उसका बैंक अकाउंट भी मैनेज होता रहता है| ईमेल बैंकिंग से किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पीसी पर इंटरनेट की सहायता की जा सकती है|
ईमेल शॉपिंग:- इसे ऑनलाइन शॉपिंग भी कहते हैं| जिसके माध्यम से उपयोग करता कोई भी सामान, जैसे- किताबें, कपड़े, घरेलू सामान, खिलौने, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर तथा हेल्थ इंश्योरेंस इत्यादि को खरीद सकता है| इसमें खरीदे गए सामान की कीमत चुकाने के लिए कैश ऑन डिलीवरी वह ईमेल बाइकिंग ( कंप्यूटर पर ही वेबसाइट से भुगतान) का प्रयोग करते हैं| यदि विश्व भर में कहीं से भी की जा सकती है|
ईमेल रिजर्वेशन:- यह किसी भी वेबसाइट पर किसी भी वस्तु या सेवा के लिए स्वयं को किसी अन्य व्यक्ति को आरक्षित करने के लिए प्रयुक्त होती है, जैसे__ रेलवे रिजर्वेशन में, एयरवेज, टिकट बुकिंग में, होटल रूम्स की बुकिंग इत्यादि में| इसकी सहायता से उपयोगकर्ता को टिकट काउंटर पर खड़े रहकर प्रतीक्षा नहीं करनी होती है| इसे इंटरनेट के माध्यम से किसी भी जगह से कर सकते हैं|
वर्ल्ड वाइड वेब ( World Wide Web):- वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है, जिस पर सभी विषयों से संबंधित सूचनाएं उपलब्ध होती है| वेब या वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट पर उपलब्ध इंटरकनेक्टेड डाक्यूमेंट्स या पेजेस और अन्य रिसोर्सेज का एक समूह है| पेजेस डॉक्यूमेंट को हाइपरलिंक्स द्वारा इंटरकनेक्ट किया जाता है इंटरकनेक्ट पेजेस को वेब पेजेस कहा जाता है और इन वेब पेजेस को समूह को वेबसाइट कहा जाता है| एक वेब पेज को वर्ल्ड वाइड वेब पर देखने के लिए वेब ब्राउजर ( web browser) सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है\ वेब ब्राउज़र एक प्रकार का क्लाइंट सॉफ्टवेयर है| वेब ब्राउज़र पर पेज का एड्रेस या यूआरएल ( uniform resource locator) टाइप करके भेज या वेबसाइट को देखा जाता है वेब पेज से संपर्क करने के लिए HTTP ( hypertext transfer protocol) का उपयोग किया जाता है|HTTP एक प्रकार का प्रोटोकॉल है, जिसमें इंटरनेट पर सेवा प्रदान करने वाला कंप्यूटर वेब सर्वर ( Web server) तथा उसका उपयोग करने वाला वेबक्लाइंट ( web client) कहलाता है| प्रत्येक वेब पेज HTML ( hypertext markup language) मैं लिखा जाता है
यूनिफॉर्म रिसार्स लोकेटर ( uniform resource locator, URL,):- इंटरनेट पर किसी सरवर सेवा के नाम को व्यक्त करने वाला पता URL कहलाता है| एक निश्चित मापक है, जो किसी सूचना को इंटरनेट पर व्यक्त करता है| URL के 4 भाग होते हैं
(1). प्रोटोकॉल ( Protocol):- किसी कंप्यूटर नेटवर्क के किन्हीं दो नोड के मध्य डाटा संचरण करने की प्रक्रिया के संपन्न होने के नियम एवं विधियों के समूह को प्रोटोकाल कहते हैं|
(2). सरवर नेम:- अबे ब्राउज़र द्वारा एक्सेस किया जाने वाला सर्वर नेम बताता है, इस भाग में बताए गए सरवर में ही वांछित पेज स्टोर होते हैं|
(3). फाइल नेम:- यह URL का तीसरा भाग है| इसमें दूसरे बारे में बताए गए सर्वनेम में स्टोर फाइल का नाम बताया जाता है, जिसे एक्सेस कर क्लाइंट मशीन तक लाना होता है|
(4). फाइल पाथ:- इस बार में फाइल के नाम से पहले उन डायरेक्टरी का नाम दिया जाता है, जिसके अंदर फाइल स्टोर होती है|
वेब ब्राउजिंग सॉफ्टवेयर (Web Brawsing Software):- वेब ब्राउजिंग सॉफ्टवेयर को ब्राउजर सिया वेबक्लाइंट ( web client) भी कहा जाता है जो माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन एवं कई अन्य कंपनियों द्वारा मुफ्त में प्रदान किया जाता है| इन वेब ब्राउजिंग सॉफ्टवेयर का प्रयोग world-wide-web में नेविगेट करने एवं वेब पेजेस को देखने हेतु किया जाता है| अधिकांश ब्राउज़र फ्रीवेयर होते हैं| प्रथम ग्राफिकल वेब ब्राउजर मोजाइक ( Mosaic) था, जिसे (Marc Andreessen) ने बनाया था| वेब ब्राउज़र की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं,
(1). वेब ब्राउज़र को जब यूआरएल एड्रेस दिया जाता है, डूबा उससे संबंधित सूचनाओं को एक्सेस करने में सक्षम होता है|
(2). वेब ब्राउज़र HTTP का प्रयोग करके वेब सर्वर के साथ संचार कायम करने में सक्षम होते हैं|
(3). डाक्यूमेंट्स को रिट्रीव करना एवं उन्हें सिस्टम के अनुकूल फॉर्मेट करना, एक वेब ब्राउज़र की कार्यप्रणाली के मुख्य आधार स्तंभ माने जाते हैं|
लोकप्रिय वेब ब्राउजर्स
कुछ लोकप्रिय वेब ब्राउजर्स निम्नलिखित है.
(1). मोज़िला फायरफॉक्स ( Mozilla Firefox):- एक निशुल्क, ओपन सोर्स वेब ब्राउजर है, जिसे विंडोज XP ऑपरेटिंग सिस्टम तथा लाइनकस ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ-साथ मोबाइल डिवाइस पर इंटरनेट उपयोग करने के लिए बनाया गया है| इसमें ऐड डांस (Addons), एक्सटऐशंस (Extension), थीम्स (Themes),(Tabs), किसी शब्द को ढूंढने के लिए सर्चिंग ( Searching) व spell check जैसी अच्छी सुविधाएं उपलब्ध है|
(2). गूगल क्रोम ( Google Chrome):- यह एक फ्रीवेयर वेब ब्राउज़र है, जिसे गूगल कंपनी द्वारा बनाया गया है| इस वेब ब्राउज़र में बुकमार्क्स ( Bookmarks) तथा सेटिंग्स सिंक्रोनाइजेशन, वेब स्टैंडर्ड सपोर्ट, सिक्योरिटी, मालवीय ब्लॉकिंग, तेज गति से इंटरनेट एक्सेस, आकर्षक यूजर इंटरफेस, डेक्सटॉप शॉर्टकटस व एप्स (Apps), ऑटोमेटिक वेब पेज ट्रांसलेशन व कलर मैनेजमेंट के साथ-साथ अन्य सभी परंपरागत विशेषताएं भी उपलब्ध है|
(3). इंटरनेट एक्सप्लोरर ( Internet Explorer):- इंटरनेट एक्सप्लोरर एक लोकप्रिय वेब ब्राउज़र है, जिसका निर्माण माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा किया गया है| इंटरनेट एक्सप्लोरर, विंडोज और मैकिनटोश ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी संस्करणों में उपयोगी होता है|
(4). नेटस्कैप नेविगेटर ( Net Escape Navigator):- नेटस्कैप नेविगेटर वेब ब्राउज़र का निर्माण नेटस्कैप कम्युनिकेशन द्वारा किया गया है| नेटस्कैप नेविगेटर, विंडोज, मैकिनटोश और यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी संस्करणों के लिए उपलब्ध है|
(5). लिंक्स ( Lynx):- लिंक्स एक टेक्स्ट आधारित वेब ब्राउज़र है, इसका निर्माण यूनिवर्सिटी आफ कंसास द्वारा किया गया था| यह मुख्यतः टेक्स्ट आधारित इंटरनेट कनेक्शन, जैसे डायअप टेक्सट ओन्ली यूनिक से अकाउंट आदि के लिए उपयुक्त है| वेब ब्राउज़र के द्वारा आप डॉक्यूमेंट को कलर रूप में या ग्राफिक्स को ऑनलाइन नहीं देख सकते|
वेब ब्राउज़र को एक्सेस करना:- वेब ब्राउज़र एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जिसका प्रयोग वेबपेजेस को देखने के लिए किया जाता है| वेब ब्राउज़र पर वेब पेज देखने या वेब को एक्सेस करने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है--
(1). start__All Programs__ Internet Explorer
या अन्य वेब ब्राउज़र को सिलेक्ट करें|
(2). इसमें प्रस्तुत प्रारंभिक वेब पेज को होमपेज कहा जाता है| इस पेज में यूजर किसी भी कांटेक्ट के बारे में सर्च कर सकता है तथा वे ब्राउज़र को एड्रेस बार में वेब पेज के इंटरनेट एड्रेस या यूआरएल को टाइप करके फिर एंटर दबा कर उस वेबपेज को एक्सेस कर सकता है|
सर्च इंजंस (Search Engines):- सर्च इंजन 11 सा सॉफ्टवेयर है जिसके द्वारा इंटरनेट की इच्छा अनुसार सूचनाओं को खोजा जा सकता है| सबसे पहले सर्च इंजन का निर्माण कार्य McGill Univercity ने वर्ष 1990 में आरंभ हुआ था, जिसे WAIS तथा Gopher ने मिलकर आगे बढ़ाया| इन्होंने इंटरनेट पर उपलब्ध सूचनाओं को संबोधित करने का कार्य किया| गोफर अविष्कार अमेरिका के मिनिसोटा नामक विश्वविद्यालय में हुआ था| यह एक यूजर फ्रेंडली इंटरफेस है, जिसके माध्यम से यूजर इंटरनेट पर प्रोग्राम सदा सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकता है| गोफर यूजर की वांछित सूचनाओं तथा प्रोग्राम्स को खोजकर यूजर के सामने प्रस्तुत कर देता है|
लोकप्रिय सर्च इंजन
कुछ लोकप्रिय सर्च इंजनों का विवरण निम्न प्रकार है-
(1). गूगल ( Google):- या एक लोकप्रिय सर्च इंजन है, जिसमें कई सारे द्वितीय फीचर्स उपलब्ध होते हैं| इसमें एक ऐसा फीचर्स होता है जो सबसे संभावित मैच को ढूंढने और उसे लोड करने के लिए ऑटोमेटिक सुविधा प्रदान करता है| यही कारण है कि गूगल एक सर्च में बेस्ट मैचिंग वेबसाइट ढूंढने में कुशल है| इस सुविधा का प्रयोग करने के लिए सर्च बॉक्स में कंपनी का नाम टाइप कर I am feeling lucky. बटन पर क्लिक करें|
(2) याहू ( Yahoo):- यह बेसिक रूप से एक सर्च डायरेक्टरी है| यह वेब की डायरेक्टरी या सब्जेक्ट कैटलॉग के साथ हैराकीरकली ऑर्गेनाइज्ड होती है, जो ब्राउज़र और सर्च की जा सकती है| याहू बहुत से अतिरिक्त सेवाएं, जैसे- ईमेल अकाउंट, रीजन स्पेसिफिक साइट्स लोगों को खोजने के लिए सर्चेज, साइट रिव्यूज युवक की एक कस्टमाइजेबल न्यू पेज ( new page) प्रदान करता है|
अलताविस्ता ( AltaVista):- अलताविस्ता का निर्माण USA की डिजिटल इक्विपमेंट कारपोरेशन ( DEC) की रिसर्च असुविधा के द्वारा किया गया था| इस सर्च इंजन में इंडेक्सिंग, एक डॉक्यूमेंट के फूल टेक्स्ट पर आधारित होती है, जिसके अंतर्गत पहले कुछ लाइंस एक एब्स्ट्रेक्ट के रूप में प्रयोग की जाती है| इस सर्च इंजन में सर्च टाइप के दो मोटे होते हैं जो निम्नलिखित हैं|
(1). सिंपल सर्च ( Simple Search)
(2). एडवांसड सर्च (Advanced Search)
लाइकोस (Lycos):- इस सर्च इंजन के डेटाबेस ( Database) मैं लगभग 66 मिलियन पृष्ठ होते हैं, जिसमें नेविगेशन ( Navigation ) का कार्य एक वेब रोबोट द्वारा होता है जो Heuristics विधि का प्रयोग कर नेविगेशन करता है एवं सर्च करने योग्य इंडेक्स बनता है|
वेब रोबोट प्रत्येक डॉक्यूमेंट की इंडेक्सिंग कर उसके आउटगोइंग लिंग्स को एक कतार में रखता है और इसमें से एक URL का चयन करता है| लाइकोस, टाइटल्स, हेडिंग्स और HTML कि सब हेडिंग्स, FTP एवं Gopher डाक्यूमेंट्स को इंडेक्स करता है| इस सर्च इंजन में इमेज एवं साउंड्स को सर्च करने की क्षमता होती है| या न्यूज़ साइट रिव्यू जैसी बहू से सामग्रियां प्रदान करता है|
हाटबॉट ( Hot Bot ):- इस सर्च इंजन का प्रयोग वेब डॉक्यूमेंट को रिट्रीव एवं उन्हें इंडेक्स करने के उद्देश्य से किया जाता है, जिसके लिए यह सर्च इंजन एक रोबोट एवं वर्क स्टेशंस के एक पैरेलल नेटवर्क का प्रयोग करता है|
यह सर्च इंजन विशेष प्रकार के शब्दों या वाक्यांशों को सर्च करने के लिए अधिक उपयुक्त होता है| इस सर्च में प्रयोग कर्ताओं के लिए एक टेक्स्ट बॉक्स होता है, जिसमें वे अपने क्वेरी स्ट्रिंग्स (Query strings) प्रविष्ट करते हैं एवं साथ ही एक लिस्टबॉक्स भी होता है, जिसमें उससे किसी सही शब्द या वाक्यांश को चुना जा सकता है अपने सर्च को फाइन ट्यून करने के लिए भी Hotbot का प्रयोग कर सकते हैं|
वेबक्रालर (Web Crawler):- इस सर्च इंजन में एक वेब रोबोट की सहायता से पूरे वेब के डाक्यूमेंट्स में से कीवर्ड्स को लेकर एक रोजाना इंडेक्स का निर्माण किया जाता है| वेब क्रालर वेब स्पाइडर वेब रोबोट भी कहा जाता है| यह रोबोट ( HTML) डाक्यूमेंट्स के शीर्षक को टेक्स्ट को इंडेक्स करने नए डाक्यूमेंट्स को प्राप्त करने का प्रयास करता है|
वेब पेज (Web Page):- वेब बहुत सारे कंप्यूटर डॉक्यूमेंट सभी पेजों का संग्रह है| यह डाक्यूमेंट्स HTML मे लिखे जाते हैं तथा वे ब्राउज़र द्वारा प्रदर्शित किए जाते हैं| यह दो प्रकार के होते हैं.
(1). स्टैटिक (Static):- वेब पेज इस प्रकार के वेबपेज हर बार एक्सेस करने पर एक समान सामग्री दिखाते हैं
(2) डायनामिक (Dynamic):- वेब पेज इस प्रकार के वेब पेज हर बार एक्सेस करने पर बदलती है|
वेबसाइट ( website):- एक वेबसाइट पर भेजो का संग्रह होती है, जिसमें सभी वेबपेज हाइपरलिंक द्वारा एक दूसरे से जुड़े होते हैं| किसी भी वेबसाइट का पहला पेज होमपेज कहलाता है| उदाहरण Http:iete.org इत्यादि|
वेब पेज को डाउनलोड करना
वेबपेज सूचनाओं का एक ऐसा स्रोत है, जिसे www पर प्रयोग किया जाता है और इसे वेब ब्राउज़र के द्वारा एक्सेस किया जा सकता है| अतः किसी वेबपेज को अपने कंप्यूटर में सेव (Save) अथवा डाउनलोड (Download) करने के लिए निम्नलिखित पदों का अनुसरण किया गया है,
(1)File मेन्यु___Save As को चुने जिसके फलस्वरूप Save Web Page डायल बॉक्स निम्न चित्रों की भाति प्रदर्शित होगा|
(2). File Name बॉक्स में फाइल का नाम टाइप करें|
(3). Save as type बॉक्स के सामने स्थित ड्रॉप डाउन एरो पर क्लिक करके, सिलेक्ट फाइल टाइप को सिलेक्ट करें|
(a). यदि वर्तमान में सेव किए जा रहे फिर से संबंधित सभी फाइलों को सेव करना हो तोWeb Page, Complete विकल्प को सेलेक्ट करें|
(b). यदि पेज का केवल HTML कोडी सेव करना हो तो Web Page, HTML Only विकल्प को सिलेक्ट करें|
(c). यदि वेबपेज के केवल टेक्स्ट को सेव करना है, तो Text Only विकल्प को चुने| इससे वेब पेज को सूचना टेक्स्ट फॉरमैट में सेव हो जाएगी|
(4) अंत में सेव बटन पर क्लिक कर इसे सुरक्षित करें
वेब पेज प्रिंट करना
किसी भी पेज को प्रिंट करने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है__
(1). वेब ब्राउजर से उस पेज को एक्सेस करे जिसे आप प्रिंट करना चाहते हैं या हार्ड कॉपी के रूप में रखना चाहते हैं|
(2). File मेनू पर क्लिक करके, प्रिंट ऑप्शन को सिलेक्ट करें|
या टूलबार पर स्थित प्रिंट बटन पर क्लिक करें|
या Ctrl+P शॉर्टकट का प्रयोग करें|
(3). प्रिंट डायलॉग बॉक्स से प्रिंटर, पेज, कॉपीज की संख्या आदि प्रॉपर्टीज का चयन करें|
(4). प्रिंट बटन पर क्लिक करें|
सोशल नेटवर्किंग ( Social Networking )
इंटरनेट के माध्यम से बना हुआ सोशल नेटवर्क होता है| इसके माध्यम से उस सोशल नेटवर्क के अंतर्गत आने वाला कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से संपर्क रख सकता है चाहे वे दोनों कहीं भी हो| सोशल नेटवर्किंग सोशल साइट्स पर की जा सकती है तथा कम्युनिकेशन टेक्स्ट, पिक्चर्स, वीडियो इत्यादि के रूप में भी स्थापित हो सकता है|
लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग
कुछ प्रमुख सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट निम्नलिखित है-
(1) फेसबुक (Facebook):- यह दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट है, 2 फरवरी, 2004 में लांच की गई| वर्तमान में इसके 1 अरब से अधिक सक्रिय यूजर हैं| फेसबुक की स्थापना मार्क ज़ुकेरबर्ग एवं उनके मित्रों ने की थी| इसमें यूजर अपना प्रोफाइल बनाकर मित्रों को जोड़ सकता है, संदेशों का आदान प्रदान कर सकता है, समान रुचि के ग्रुप बना सकता है| इसका एक महत्वपूर्ण फीचर है या कि इसमें ऑटोमेटिक नोटिफिकेशन आते रहते हैं, जो इस साइट के उपयोग को रोचक बनाते हैं|
(2). टि्वटर (Twitter):- इस सोशल नेटवर्किंग साइट पर उपयोगकर्ता केवल 140 शब्दों में अपने संदेश को संप्रेषित कर सकते हैं, जिसे टविटस कहते हैं| वर्तमान समय में, सोशल नेटवर्किंग साइट के उपयोगकर्ताओं की संख्या पूरे विश्व में लगभग 500 मिलियन है|
(3). लिंकडइन (Linked in):- यह पेशेवर व्यवसाय के लोगों के लिए एक सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइट है|
(4). गूगल प्लस ( Google Plus):- गूगल प्लस एक सोशल नेटवर्किंग साइट है, जो गूगल द्वारा संचालित की जाती है|
(5). टंबलर (Tumblr):- डेविस कप ने वर्ष 2007 में टंबलर की स्थापना की थी| यह ब्लॉगिंग साइट सोशल नेटवर्किंग की सुविधा भी देती है|
(6). मायस्पेस (My space):- एक विशेष प्रकार की सामाजिक नेटवर्किंग सेवा है, जो पाप संगीतकार और नाटककार जस्टिन टिंबर के अधीन है|
इंटरनेट सिक्योरिटी के लिए खतरा मालवेयर Threats to Internet security Malware
मालवीय का अर्थ है द्वेष पूर्ण सॉफ्टवेयर उस प्रकार के प्रोग्रामों का सम्मिलित रूप है, जिन का प्रमुख कार्य होता है कंप्यूटर को हानि पहुंचाना; जैसे- वायरस, स्पाइवेयर इत्यादि|
मालवेयरदोष के लक्षण Symptoms of Malware Attack
किसी भी सिस्टम के माल वेयर द्वारा प्रभावित होने को निम्न लक्षणों द्वारा समझा जा सकता है
. बेमेल संदेशों को कंप्यूटर स्क्रीन पर डिस्प्ले करना|
. कुछ फाइलों का खो जाना|
. सिस्टम का धीमा चला|
. माउस के प्वाइंटर का ग्राफिक बदलना|
. ड्राइव्स का प्रवेश योग ना होना|
. एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का क्रियानवयन या इंस्टालेशन ना होना|
मालवेयर के प्रमुख तत्व
Components of Malware
मालवेयरके प्रमुख तत्व निम्न है
वायरस
वायरस वह प्रोग्राम है जो कंप्यूटर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं| यह पीसी पर कंट्रोल हासिल करके उनसे असामान्य विनाशकारी कार्यों को करवाते हैं| वायरस स्वत: ही अपने आपको सिस्टम में काफी कर लेते हैं वह आगे संक्रमण हेतु अन्य प्रोग्रामों के साथ स्वत: ही जुड़ जाते हैं| वायरस कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के किसी भी हिस्से जैसे, बूट ब्लॉक, ऑपरेटिंग सिस्टम, सिस्टम एरिया, फाइल्स तथा अन्य एप्लीकेशन प्रोग्राम, इत्यादि को क्षति पहुंचा सकता है| कंप्यूटर पर वायरस विभिन्न प्रकार के प्रभाव डाल सकते हैं| वायरसों के प्रकार पर निर्भर होते हुए, कुछ वायरसों के प्रभाव इस प्रकार है-
. उपयोगकर्ता के कार्य की निगरानी करना
. कंप्यूटरों की दक्षता को कम करना
. लोकल डिक्स पर उपस्थित सभी डाटा को नष्ट करना| कंप्यूटर नेटवर्क्स इंटरनेट कनेक्शन को प्रभावित करना
. मेमोरी के आकार को बढ़ाना या कम करना
. विभिन्न प्रकार के त्रुटि संदेशों को डिस्प्ले करना
. पीसी सेटिंग को बदलना
. अनचाहे एडवरटाइजो के ऐरे को डिस्प्ले करना
. बूट टाइम को बढ़ाना इत्यादि
वॉर्म्स
कंप्यूटर वार में एक अकेला ऐसा मालवेयर प्रोग्राम है, जो कि दूसरों कंप्यूटर में अपने आप फैलाने के लिए काफी करता है|warms को ढूंढ पाना अत्यंत कठिन है, क्योंकि ये अदृश्य फाइलों के रूप में होते हैं| यह कंप्यूटर नेटवर्क में बैंडविथ को नष्ट करके भी क्षति पहुंचाते हैं| उदाहरण Bagle,I love you, Morris ,Nimda इत्यादि|
ट्रोजन :-
ट्रोजन या ट्रोजन हॉर्स एक प्रकार का नाम सेल्फ रिप्लिकेटिंग मालवेयर है| जो कि किसी भी उचित कार्य को पूरा करते हुए प्रतीत होता है, पर यह उपयोगकर्ता के कंप्यूटर सिस्टम पर अनाधिकृत उपयोग की सुविधा प्रदान करता है|
यह कंप्यूटर वायरस की भांति अपने आपको दूसरी फाइलों में सम्मिलित करने का प्रयास नहीं करते| यह सॉफ्टवेयर इंटरनेट 40 एप्लीकेशन ओं द्वारा टारगेट कंप्यूटरो तक पहुंच सकते हैं|
उदाहरण-Beast,Sub 7.Zeus, Zero Access Rootkit इत्यादि|
स्पाइवेयर :-
यह प्रोग्राम किसी भी कंप्यूटर सिस्टम पर इंस्टॉल होता है, जोकि सिस्टम के मालिक की सभी गतिविधियों की निगरानी तथा गलत तरीके से आगे प्रयोग होने वाली सभी सूचनाओं को एकत्रित करता है| इनका प्रयोग हम कानूनी या गैरकानूनी उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं| स्पाइवेयर व्यक्तिगत सूचनाओं को दूसरे व्यक्ति के कंप्यूटर पर इंटरनेट के माध्यम से संचालित कर सकते हैं|
उदाहरण, Cool Web Search, Zango, Keylogger, Zlob Trojan इत्यादि|
इंटरनेट सुरक्षा के प्रोडक्ट Product of Internet Security :-
इंटरनेट सुरक्षा के प्रोडक्ट निम्न प्रकार है
कोमोडो इंटरनेट सुरक्षा :-
कोमोडो समूह द्वारा विकसित कोमोडो इंटरनेट सुरक्षा CIS माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के लिए एक इंटरनेट सुरक्षा सूट है| यह एक एंटीवायरस प्रोग्राम, एक निजी फायरवॉल, एक सैंडबॉक्स और एक होस्ट बेस्ट इंट्रूजन प्रीवेंशन सिस्टम ( Host based Intrusion Prevention System-HIPS) को सम्मिलित करता है, जिसे डिफेंस प्लस कहते हैं|
कोमोडो इंटरनेट सुरक्षा की विशेषताएं निम्न प्रकार हैं
. यह लाइनेक्स, पीसी और मैक कंप्यूटरों के साथ कार्य करता है| यह सुरक्षा उल्लंघनओं के जवाब में अलर्ट भेजता है|
. यह नेटवर्क और प्रणालियों को 24|7 स्कैन कर सकते हैं|
. यह वाई फाई सुरक्षा, ऊर्जा प्रबंधन और यूएसबी प्रबंधन उपकरणों के साथ आता है|
नॉर्टन एंटीवायरस :-
सीमेंट कारपोरेशन द्वारा विकसित तथा वितरित नॉर्टन एंटीवायरस एक सदस्यता अवधि के दौरान मालवेयर की रोकथाम को हटाने के लिए प्रदान किया था| इसने वायरस को पहचानने के लिए हस्ताक्षर तथा हेरिस्टिक का प्रयोग किया था| इसमें अन्य सुविधाएं ईमेल स्पैम फिल्टर तथा फिशिंग सुरक्षा शामिल थे|
नॉर्टन एंटीवायरस की विशेषताएं निम्न है.
. जब आप अपने पीसी का उपयोग नहीं करते हैं, तब यह अनुसूचीया और संसाधन ग्रहण करने का कार्य करता है|
. यह ऑनलाइन खतरों को आपके कंप्यूटर में पहुंचने से पहले ही रोक देता है|
McAfee एंटीवायरस :-
McAfee इनकॉरपोरेटेड एक कंप्यूटर सुरक्षा से संबंधित कंपनी है, जिसका मुख्यालय सेंटा क्लारा, कैलिफोर्निया मैं स्थित है| यह घरेलू प्रयोगकर्ताओं, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों तथा सरकारी क्षेत्र को सॉफ्टवेयर तथा सेवाओं का विपणन करती है|19 अगस्त, 2010 को इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी इंटेल McAfee को 7.68 बिलियन डॉलर मैं खरीदने के लिए सहमत हो गई|
McAfee एंटीवायरस की विशेषताएं निम्न है
. यह इनबॉउंड और आउट बाउंड फायर बॉल का संरक्षण करती है|
. यह स्पाइवेयर सुरक्षा प्रदान करता है|
. यह McAfee के एक्स-रे रूट कीट का पता लगाते हैं|
. यह प्रतिदिन परिभाषा अपडेट करता है|
. McAfee SiteAdvisor स्पैम, मालवेयर और फिशिंग के सबूत के लिए परीक्षण पर आधारित वेबसाइटों के लिए एक सुरक्षा सेटिंग को प्रदर्शित करता है|
क्विक हील एंटीवायरस :-
क्विकहैल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड एक इंडिया बेस्ट ग्लोबल कंप्यूटर सुरक्षा सॉफ्टवेयर कंपनी है, जिसका मुख्यालय पुणे में है| यह मुख्य रूप से वर्ष 1993 में एक कंप्यूटर सेवा केंद्र के रूप में शुरू कर दिया गया है|
क्विक हील एंटीवायरस की विशेषताएं निम्नलिखित है
. क्विक हील एंटीवायरस डाउनलोड करने तथा स्थापित करने के लिए सरल है| इसका इंस्टालेशन सीधा है और इसे पुनः आरंभ करने की आवश्यकता नहीं होती है|
. सॉफ्टवेयर समर्थन टीम आपके प्रश्न या चिंताओं का किसी भी समय जल्दी जवाब देती है|
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